Saturday, October 23, 2010

बंद करो नैतिकता का दिखावा करने का ढोंग

बंद करो नैतिकता का दिखावा करने का ढोंग



Siddharth_Patel


सिद्धार्थ पटेल साहब  !

इस्तीफा देने  से  कांग्रेस  का भला  होने  वाला   नहीं है बल्कि  ज़रूरत है नरेन्द्र  मोदी के  उस काल्पनिक तिलिस्म ………………………..
( जिसे आप लोग करिश्मा ) का नाम देते हैं , को ख़त्म करने की , वरना आप लोग हर चुनाव हारते रहेंगे और नैतिक  ज़िम्मेदारी  ले कर इस्तीफा देते रहेंगे और एक दिन पार्टी में कोई प्रदेश अध्यक्ष  बनने  के लिए भी  नहीं बचेगा . इस लिए अभी भी वक्त है,  चेत जाएँ वरना गुजरात को पश्चिम बंगाल बनने से कोई नहीं रो सकेगा .


मीटिंग , पोस्टरबाजी  और  नारों से या फिर सिर्फ बड़े नेताओं को बुला कर उनसे भासन   दिलवा कर मोदी  के हथकंडों ( तथाकथित करिश्मा ) का मुकाबला नहीं किया जा सकता .
ज़रूरत है क़ि आप लोग गुजरात की  आम जनता की  मानसिकता को समझें और तदनुसार काम करे और अगर नहीं कर सकते तो फिर इस्तीफा  देने के नाटक के नाम पर सोनिया और राहुल  गांधी को धोखा  देने का नाटक अब तो बंद ही कर दें,  तो अच्छा है  .
बहुत दिखावा कर चुके आप लोग ..……….
दिखावा तो गुजरात के कांग्रेसी नेता ऐसा करते हैं जैसे वो गुजरात की जनता से जुड़े है परन्तु असलियत यह है क़ि आप लोग आज तक गुजराती  जनता के दिमाग और उनकी भावनाओं को ही नही समझ पायें .
और रही गुजरात क़ि जनता की  मानसिकता की  , तो उसे समझने में तो आप लोग हमेशा ही  भयंकर  चूक करते है . ज्यादा क्या लिखू , आप खुद ही अपने गिरेबान में झांक कर देखिये , जवाब मिल जायेगा  और अगर हिम्मत हो तो उस जवाब को अपने हाई कमान तक भी पंहुचाने  का साहस कर सकें  तो कांग्रेस और आप सब का ज़रूर भला  हो पायेगा .

5 comments:

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  2. नमस्कार भाई साहब
    आपका लेख आकर्षक है धन्यवाद ,
    आपका लेख क्या किसी पार्टी की जीत हार की चिंता तक ही सिमित है कि जनभावना, जनसंदेश और राज्य के विकास से भी सम्बन्ध रखती है ?
    मै एक आम जनता और आपका एक भारतीय भाई होने के नाते आपसे पूछता हूँ कि कब तक हमलोग विकास को गैरप्रथमिकता देते रहेंगे ? सम्बंधित राज्य तात्कालिक समय में जिसकी आपने चर्चा की क्या विकास/GDP में अग्रणी नहीं है ? यदि लोगो की स्तिथि क्रमशः सुधर रही है तो हम पार्टी और नेताओ के लिए क्यों मरते रहे ?

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  3. यह लेखनी कैसी कि जिसकी बिक गयी है आज स्याही !
    यह कलम कैसी कि जो देती दलालों की गवाही !
    पद-पैसों का लोभ छोड़ो , कर्तव्यों से गाँठ जोड़ो ,
    पत्रकारों, तुम उठो , देश जगाता है तुम्हें !
    तूफानों को आज कह दो , खून देकर सत्य लिख दो ,
    पत्रकारों , तुम उठो , देश बुलाता है तुम्हें !
    " जयराम विप्लव "

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  4. इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  5. शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।

    एक विचार : चाहे कोई माने या न माने, लेकिन हमारे विचार हर अच्छे और बुरे, प्रिय और अप्रिय के प्राथमिक कारण हैं!

    -लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
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