अंधेर नगरी चौपट राजा
अपराधों में डूबता उतराता गाज़ियाबाद
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आखिर बात क्या है क़ि गाज़ियाबाद में तमाम इंतजामात के बावजूद अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे .
आये दिन हत्याएं , लूट, जैसे अपराध हों रहे है और उन पर लगाम नहीं लग पा रही है . वजह क्या है , इस पर गौर किया जाये तो पता चलता है क़ि , तकरीबन छोटे बडे सभी अपराधों के पीछे किसी न किसी बडे कहे जाने वाले आदमी का हाथ होता है .
हालत ये है क़ि एस एस पी निवास के पास रहने वाले भी सुरक्षित नही हैं . जब पुलिस के मुखिया के पड़ोसी ही लुटेरों के शिकार हो जातें हैं तो दूर दराज रहने वाले तो सुरक्षा की कल्पना भी कैसे कर सकते हैं .
सवाल ये है क़ि अपराधी इतनी बे खौफ क्यूँ है , किसका संरक्षण उन्हे मिला हुआ है क़ि वो दिन दहाडे अपराध करने का दुस्साहस करने से बाज नहीं आते .
पोलिस अफसरों का जल्दी जल्दी तबादले होना भी इस के पीछे एक बड़ा कारण कहा जाए तो गलत न होगा .जब तक अफसरान जिले की हकीकत समझ पाता है , तब तक उसे अपना बिस्तरा बाँधने का हुक्म आ जाता है .
अकेले गाज़ियाबाद की ही बात ले लें तो , पिछले कुछ दिनों में आधा दर्जन एस एस पी बदले जा चुकें हैं , आखिर क्यूँ ?इसका जवाब कौन देगा ?
तबादलों में जनता का पैसा यात्रा भत्तों में इस बेदर्दी से क्यूँ खर्च किया जाता है , इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? जनहित की बड़ी बड़ी बाते करने वाले राजनेता इस सब की ओर से आंखे क्यूँ बाद रखते हैं ? क्या उन्हें ये सब अपनी जिम्मेदारी नहीं लगती क़ि इस तरह का अपव्यय न होने पाए .
जब राजनेता खुद ही लापरवाही का परिचय देंगे , तो यही होगा जो गाजियाबाद में हो रहा है .
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आखिर बात क्या है क़ि गाज़ियाबाद में तमाम इंतजामात के बावजूद अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे .
आये दिन हत्याएं , लूट, जैसे अपराध हों रहे है और उन पर लगाम नहीं लग पा रही है . वजह क्या है , इस पर गौर किया जाये तो पता चलता है क़ि , तकरीबन छोटे बडे सभी अपराधों के पीछे किसी न किसी बडे कहे जाने वाले आदमी का हाथ होता है .
हालत ये है क़ि एस एस पी निवास के पास रहने वाले भी सुरक्षित नही हैं . जब पुलिस के मुखिया के पड़ोसी ही लुटेरों के शिकार हो जातें हैं तो दूर दराज रहने वाले तो सुरक्षा की कल्पना भी कैसे कर सकते हैं .
सवाल ये है क़ि अपराधी इतनी बे खौफ क्यूँ है , किसका संरक्षण उन्हे मिला हुआ है क़ि वो दिन दहाडे अपराध करने का दुस्साहस करने से बाज नहीं आते .
पोलिस अफसरों का जल्दी जल्दी तबादले होना भी इस के पीछे एक बड़ा कारण कहा जाए तो गलत न होगा .जब तक अफसरान जिले की हकीकत समझ पाता है , तब तक उसे अपना बिस्तरा बाँधने का हुक्म आ जाता है .
अकेले गाज़ियाबाद की ही बात ले लें तो , पिछले कुछ दिनों में आधा दर्जन एस एस पी बदले जा चुकें हैं , आखिर क्यूँ ?इसका जवाब कौन देगा ?
तबादलों में जनता का पैसा यात्रा भत्तों में इस बेदर्दी से क्यूँ खर्च किया जाता है , इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? जनहित की बड़ी बड़ी बाते करने वाले राजनेता इस सब की ओर से आंखे क्यूँ बाद रखते हैं ? क्या उन्हें ये सब अपनी जिम्मेदारी नहीं लगती क़ि इस तरह का अपव्यय न होने पाए .
जब राजनेता खुद ही लापरवाही का परिचय देंगे , तो यही होगा जो गाजियाबाद में हो रहा है .
Power Cut is a mazor problem in Ghaziabad ,please write down about this problem ,Kyunki "kalam bolti hai "ho sakta hai raj netas is taraf sochain.
ReplyDeleteJayati